abhimanyu ab ke sajan sawan mein [lofi] şarkı sözleri
अब के सजन सावन में
अब के सजन सावन में
आग लगेली बदन में
घटा बरसेगी मगर तरसेगी नज़र
मिल न सकेंगे दो मन एक ही आँगन में
अब के सजन सावन में
आग लगेली बदन में
घटा बरसेगी मगर तरसेगी नज़र
मिल न सकेंगे दो मन एक ही आँगन में
अब के सजन सावन में
दो दिलों के बीच खड़ी कितनी दीवारें (दीवारें दीवारें)
दो दिलों के बीच खड़ी कितनी दीवारें
कैसे सुनूँगी मैं पिया प्रेम की पुकारें (पुकारें पुकारें)
चोरी चुपके से तुम लाख करो जतन
लाख करो जतन सजन
मिल न सकेंगे दो मन एक ही आँगन में (आँगन में आँगन में)
अब के सजन सावन में
आग लगेली बदन में
घटा बरसेगी मगर तरसेगी नज़र
मिल न सकेंगे दो मन एक ही आँगन में (आँगन में आँगन में)
अब के सजन सावन में (अब के सजन सावन में0

