abhishek jhawar niyam ho şarkı sözleri

अपनी तकदीर जो अपने हाथों लिखे अपनी हस्ती बना सके राजा या रंक हो जग उसके संग हो ज्यादा जो अंक पा सके नियम हो नियम हो नियम हो जहाँ का नया ये नियम हो बेड़ी अज्ञान की पिघला के ज्ञान से बंदी सपने छुड़ा सके बंदी सपने छुड़ा सके कुदरत में एक सा हक सबको है दिया सब हक अपना कमा सकें नियम हो नियम हो नियम हो जहाँ का नया ये नियम हो कोई हुनर जिसमें हो समय उसका ही बदलता है ओ…माटी नज़र आता हो पिघलकर सोना उगलता है क्या लेना जात से क्या लेना नाम से पेहचाने सबको उनके काम से बोये दस्तूर ने जितने मतभेद हैं उनको जड़ से मिटा सकें राजा या रंक हो जग उसके संग हो ज्यादा जो अंक पा सकें नियम हो नियम हो नियम हो जहाँ का नया ये नियम हो नियम हो नियम हो नियम हो जहाँ का नया ये नियम हो
Sanatçı: Abhishek Jhawar
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 4:00
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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