abhishek rajput ladne chala tha şarkı sözleri
लड़ने चला था में
खुदसे खफा था में
रूह को पता था
मुझसे डरा था में
अकेले ही मंज़िल ये मेरी कटेगी
अब नाह किसी से ये थोड़ी बटेंगी
मन की बाते नाह किसी को बता
सारी बाते ये मुझसे कहेगी
अब सब तू जाने दे
किसीको नाह तू आने दे
फर्क नाह मुझको किसी से
सबको ये बताने दे
बातो बातो में भूल गया बहुत कुछ
पड़ा प्यार में लेकिन साला सब झूट
सबने बस मुझे धोखा है दिया
छीना है मेरा ऐसा सब कुछ
पता मुझे अब किसी से भी डरना नहीं
मुझे अब ऐसी किसी की भी परवा नहीं
इसकी उसकी सबकी तू देखले
ऐसा काम तो मुझको ही करना नहीं
तू ही सही
में हूँ गलत ही
तो वो ही सही
होती थी सूबा फिर होती थी शाम
साथ मेरा देती थी थोड़ी सी जाम
कुछ यादो से कुछ ख्वाबो से
ये ही तो देती थी थोड़ा आराम
लड़ने चला था में
खुदसे खफा था में
रूह को पता था
मुझसे डरा था में
लड़ने चला था
खुदसे खफा था
रूह को पता था
मुझसे डरा था
बाते नहीं ये थो दिल की दास्ताँ है
सब सहा है
जो कहा है
हर एक कहानी में खुदकी ही लिखता हूँ
हर एक गलती में खुदसे ही सीखता हूँ
हर एक गम में दिल में छुपा के
बहार से सबको में लगता भी ठिक्सा हूँ
बाते होती है कुछ अलग सी
इन फिज़ाओ में सब सही
होती नहीं बारिश यहां पे
रह गई बस उमस सी
लिख रहा हूँ दो साल से
पर अब लगता है जैसे वकत सही
में घुमा हूँ बुरे हाल में
पर अब लगता है जैसे सब सही
लड़ने चला था में
खुदसे खफा था में
रूह को पता था
मुझसे डरा था में
लड़ने चला था
खुदसे खफा था
रूह को पता था
मुझसे डरा था

