anuradha paudwal sulagati hain aankhen [insaaf] şarkı sözleri
सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बहे
सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बहे
गले से लगा लो के जी चाहता है
मुझे ख़ाख कर दो मुझे राख कर दो
मुझे फूक डालो के जी चाहता है
सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बाहें
गले से लगा लो के जी चाहता हैं
सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बाहें
गले से लगा लो के जी चाहता है
ज़माने से शायद खफा हो गए हो
ज़माने से शायद खफा हो गए हो
मेरी जान कह दो कहा खो गए हो
मेरी जान कह दो कहा खो गए हो
नजर ना चुराओ मेरे पास आओ
या मुझको बुलालो के जी चाहता है
सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बाहें
गले से लगा लो के जी चाहता है
वो रिश्ते वो नाते वो बंधन पुराने
ज़रा याद करलो वो गुजरे ज़माने
वो रिश्ते वो नाते वो बंधन पुराने
ज़रा याद करलो वो गुजरे ज़माने
है सबकुछ तुम्हारा ना सोचो दुबारा
अभी आज़मा लो की जी चाहता है
सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बाहें
गले से लगा लो के जी चाहता है