anuradha paudwal sulagati hain aankhen şarkı sözleri

सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बहे सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बहे गले से लगा लो के जी चाहता है मुझे ख़ाख कर दो मुझे राख कर दो मुझे फूक डालो के जी चाहता है सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बाहें गले से लगा लो के जी चाहता हैं उधर भी हैं तूफान इधर भी हैं तूफान भवर से निकलो के जी चाहता हैं सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बाहें गले से लगा लो के जी चाहता है यहाँ तक तो पहुँचे यहाँ तक तो आये यहाँ तक तो पहुँचे यहाँ तक तो आये सनम तुमपे डाल दूं ज़ुल्फो के साये सनम तुमपे डाल दूं ज़ुल्फो के साये ये रुकना मचलना मचलकर सम्भालना ये परदे हटा लो के जी चाहता हैं उधर भी हैं तूफान इधर भी हैं तूफान भवर से निकलो के जी चाहता है बहारो के दिन हैं जवानी की रातें ये दो चार हैं मेहरबानी की राते बहारो के दिन हैं जवानी की रातें ये दो चार हैं मेहरबानी की राते नशा आ रहा हैं शबर जा रहा हैं ये रातें मन लो के जी चाहता हैं सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बाहें गले से लगा लो के जी चाहता हैं मुझे खाख कर दो मुझे राख कर दो मुझे फूक डालो के जी चाहता हैं सुलगती हैं आँखे तरसती हैं बाहें गले से लगा लो के जी चाहता हैं.
Sanatçı: Anuradha Paudwal
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 6:54
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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