anuradha paudwal utho utho he sakaljan şarkı sözleri
उठो उठो सकल जना वाणी से सुमरे गजानना
गिरीजा शिव का नंदना गाजवदना गणपति
उठो उठो सकल जना
ध्यान में धर के सुखमूर्ति एक चित्त करती है भक्ति
अज्ञान हरती ज्ञान मूर्ति मोक्ष की हो प्राप्ति
उठो उठो सकल जना
सिद्धिविनायक सुखदाता सकल सुर-नर जब ध्याता
उनकी मिटती भव भय चिंता विघ्न बाधा निवारता
उठो उठो सकल जना
सुख सिद्धि का सागर श्री गणराज विघ्णेश्वर
भाव से लिजों वंदन कर लेगा रे संकट हर
उठो उठो सकल जना वाणी से सुमरे गजानना
गिरीजा शिव का नंदन गजवदन गणपति
उठो उठो सकल जना