anurag abhishek kashmir ki kali hoon main [trap mix] şarkı sözleri
कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर ना मिलूंगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं
अरे कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं
कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं.
कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं.
रंगत मेरी बहरो में
दिल की आग चनारो में
रंगत मेरी बहरो में
दिल की आग चनारो में
कुछ तो हम से बात करो
इन बेहकी गुलज़ारो में
कुछ तो हम से बात करो
इन बेहकी गुलज़ारो में
कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं
अरे कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं