anurag abhishek mausam ka jaadu [trap mix] şarkı sözleri
ठण्डी ठण्डी पुरवैया में उड़ती है चुनरिया हे
धड़के मोरा जियारामा बाली है उमरिया
दिल पे नहीं क़ाबु
कैसा ये जादू
ये मौसम का जादू है मितवा
न अब दिल पे क़ाबू है मितवा
नैना जिसमें खो गये
दीवाने से हो गये
नज़ारा वो हर सू है मितवा
ओ ओ ये मौसम का जादू है मितवा
ये मौसम का जादू है मितवा
न अब दिल पे क़ाबू है मितवा
शहरी बाबू के संग मेम गोरी गोरी हे
ऐसे लागे जैसे चन्दा की चकोरी
फूलों कलियों की बहारें
चंचल ये हवाओं की पुकारें
हमको ये इशारों में कहें हम
थम के यहाँ घड़ियाँ गुज़ारें
पहले कभी तो न हमसे
बतियाते थे ऐसे फुलवा
ये मौसम का जादू है मितवा
न अब दिल पे क़ाबू है मितवा
नैना जिसमें खो गये (आ आ आ)
दीवाने से हो गये (आ आ आ)
नज़ारा वो हर सू है मितवा (आ आ आ)
ये मौसम का जादू है मितवा