asha bhosle chandi ka badan sone ki nazar şarkı sözleri
चांदी का बदन सोने की नज़र
उस पर ये नज़ाकत क्या कहिए
ऐ जी क्या कहिए
चांदी का बदन सोने की नज़र
उस पर ये नज़ाकत हाय नज़ाकत क्या कहिए
किस किस पे तुम्हारे जलवों ने
तोड़ी है क़यामत क्या कहिए
ऐ जी क्या कहिए
चांदी का बदन सोने की नज़र
आ आ आ आ आ
गुस्ताख़ ज़ुबां, गुस्ताख़ नज़र
ये रंग-ए-तबीयत क्या कहिए
ऐ जी क्या कहिए
ऐसे भी कहीं इस दुनिया में
होती है मोहब्बत क्या कहिए
ऐ जी क्या कहिए
गुस्ताख़ ज़ुबां, गुस्ताख़ नज़र
आ आ आ आ
आंचल की धनक के साये में
ये फूल गुलाबी चेहरों के
ये फूल गुलाबी हाय गुलाबी चेहरों के
ये फूल गुलाबी हाय गुलाबी चेहरों के
है गुल भी है गुलशन भी है
और तारों का झुर्मट भी
ये फूल गुलाबी चेहरों के
ये फूल गुलाबी हाय गुलाबी चेहरों के
इस वक़्त हमारी नज़रों में
क्या चीज़ है जन्नत क्या कहिए
ऐ जी क्या कहिए
इस वक़्त हमारी नज़रों में
आ आ आ आ
तुमसे नज़रें जो मिली, दिन-ओ-दुनिया से गए
इक तमन्ना के सिवा, हर तमन्ना से गए
मस्त आँखों से जो पी, जाम-ओ-मीनां से गए
ज़ुल्फ़ लहराई जहाँ, हम भी लहराए से गए
हूरें मिलती है किसे, इस की परवाह से गए
इस की परवाह से, परवाह से, परवाह से गए
इस वक़्त हमारी नज़रों में
क्या चीज़ है जन्नत क्या कहिए
ऐ जी क्या कहिए
चांदी का बदन सोने की नज़र
आ आ आ आ आ
यूँ गर्म निगाहें मत डालो
ये जिस्म पिघल भी पिघल भी सकते हैं
ये जिस्म पिघल, आ ये जिस्म पिघल भी सकते हैं
ये जिस्म पिघल भी हाय पिघल भी सकते हैं
ये जिस्म पिघल भी हाय पिघल भी सकते हैं
आदाब-ए-नज़ारा भूले हो
तुम लोगों की वहशत क्या कहिए
ऐ जी क्या कहिए
आदाब-ए-नज़ारा भूले हो
आ आ आ आ आ
तुम हमें जीत सको, इस का इमकान नहीं
ख़ुद को बदनाम करें, हम वो नादान नहीं
कोई मरता है मरे, हम पे एहसान नहीं
उन से क्यूँ बात करें, जिन से पहचान नहीं
तुमको अरमान है तो है, हमको अरमान नहीं
हमको अरमान के अरमान के अरमान नहीं
आदाब-ए-नज़ारा भूले हो
आदाब-ए-नज़ारा भूले हो
तुम लोगों की वहशत क्या कहिए
ऐ जी क्या कहिए
चांदी का बदन सोने की नज़र
दिन-रात दुहाई देते हैं
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
जहाँ देखी नई सूरत मचल बैठे
जहाँ देखी नई सूरत मचल बैठे
हाय यही, यही, यही लेंगे
ये हाल है इन दीवानों का, दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का, दीवानों का
जिन की ख़ातिर ग़म सहे और रो-रो जान गँवाएं
हाय री क़िस्मत उन्हीं के मुँह से दीवाने कहलाएं
कि अब ये हाल है इन दीवानों का, दीवानों का
आ आ आ
इन आशिक़ों के हाथ है, ऐ ज़िंदगी बवाल
इन का करे ख़याल के अपना करे ख़याल
हर लब अर्ज़-ए-शौक़ तो, हर आँख है सवाल
हर लब अर्ज़-ए-शौक़ तो, हर आँख है सवाल
ये ग़म से बेक़रार है, वो दर्द से निहाल
अरे ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
आ मेरी नींद गई, मेरा चैन गया
वो जो पहले थी ताब-ओ-ताबाँ गई
यही रंग रहा, यही ढंग रहा
तो ये जान लो, जान की जान गई
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
आ आ आ किसी को ख़ुदकुशी का शौक़ हो तो क्या करे कोई
दवा-ए-हिज्र दे बीमार को अच्छा करे कोई
कोई बेवजह सर फोड़े तो क्यों परवाह करे कोई
किसी मजबूर-ए-ग़म का हाल क्यों ऐसा करे कोई
मज़ा है जब कि तुम, तुम तड़पा करो
तड़पा करो तो, देखा करे कोई
मरे हम और तुम पर, कि तुम पर ख़ून का
ख़ून का दावा, दावा करे कोई
दावा करे कोई
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का
ये हाल है इन दीवानों का, दीवानों का
जीते भी नहीं मरते भी नहीं
बेचारों की हालत क्या कहिए
ऐ जी क्या कहिए
गुस्ताख़ ज़ुबां, गुस्ताख़ नज़र