asha bhosle de di humen azadi [hit parade vol 1] şarkı sözleri
सफ़र खत्म नहीं हुआ, आपको याद होगा
फिल्म मुनीम जी में इस गीत का एक sad version भी था
जिसे लता ने गाय था, मगर मेरे पास इस गीत के उस दुःख भरे अंदाज़ का
एक अंतरा है किशोर कुमार की आवाज़ में
जो उन्होंने मेरे लिए तब record किया था
जब दादा वर्मन के देहांत के मौके पर
किशोर दादा ने सुरो की श्रद्धांजलि पेश की थी
अब साथ न गुज़रेंगे हम, लेकिन ये फ़िज़ा वादी की
दोहराती रहेगी बरसो भूले हुए अफ़साने को
जीवन के सफ़र राही, मिलते हैं बिछड़ जाने को
और दे जाते है यादें तन्हाई में तड़पाने को
वर्मन दादा भी चले गए साहिर और किशोर भी अब ना रहे
बहनो और भाइयो गीत हमारा Hit Parade की cassetes में
आप ऐसे कई महान कलाकारों के कला का निखार पाएँगे
जो खुद तो चल बसे मगर HMB records और cassetes पर
अमर गीत संगीत छोड़ गए हमारे दिलो को रोशन करने के लिए
1955 के वार्षीक लोक प्रियता के संगीत समय पर
हमारी आज़ादी के एक स्वर्गीय सिपाही का ज़िकर भी था
प्रदीप ने बोल रचे हेमंत कुमार ने धुन और आशा भोसले के सुर ने
जाग्रति प्रधान की महात्मा गांधी की यादों में
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
धरती पे लड़ी तूने, अजब ढंग की लड़ाई
दागी न कहीं तोप, ना बन्दूक चलाई
दुश्मन के किले पर भी, ना की तूने चढ़ाई
वाह रे फ़कीर खूब करामात दिखाई
चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम
शतरंज बिछाकर यहाँ बैठा था ज़माना
लगता था के मुश्किल है फिरंगी को हराना
टक्कर थी बड़े ज़ोर की दुश्मन भी था ताना
पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना
मारा वो कसके दाँव के उलटी सभी की चाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम
जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े
मज़दूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े
हिंदू और मुसलमान सिख पठान चल पड़े
कदमों पे तेरे कोटि-कोटि प्राण चल पड़े
फूलों की सेज छोड़के, दौड़े जवाहर लाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम
मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लंगोटी
लाखों में घूमता था लिए सत्य की सोटी
वैसे तो देखने में थी हस्ती तेरी छोटी
लेकिन तुझपे झुकती थी हिमालय की भी चोटी
दुनिया में तू बेजोड़ था इन्सान बेमिसाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम
फिल्म जाग्रति की दो और गीत