asha bhosle ek raat ki hai baat şarkı sözleri
एक रात की है बात मैं सोई थी अकेली
सोई थी अकेली न था संग ना सहेली
एक रात की है बात मैं सोई थी अकेली
सोई थी अकेली न था संग ना सहेली
खुली आँखें जो मेरी तो देखा यह
कोई देखता था
प्यार भरी आँखों से
मैं चीखी चिल्लाई मचाया शोर
मुझे खींच लिया खिंच लिया अपनी और
उसने मुझे जोरो से यु पकड़ा
उसने मुझे बाहों में यु झकड़ा
मैं हु लड़की मैं क्या करती
रह गयी मैं आह आहें भरती
वो तो शेर था दिलेर था
चोडी थी उसकी छाती
मैं थी कमज़ोर उसको कैसे रोक पाती
वो तो शेर था दिलेर था
चोडी थी उसकी छाती
मैं थी कमज़ोर उसको कैसे रोक पाती
उसके मन में इरादे रहे थे जाग
जैसे वन में भड़कती है वन की आग
भाग जाने का उसने मौका न दिया
मुझको सीने से अपने लगा लिया
उसने मुझे जोरो से यु पकड़ा
उसने मुझे बाहों में यु झकड़ा
मैं हु लड़की हाँ मैं क्या करती
रह गयी मैं आह आहें भरती
उसने बालों को भी चुमा
मेरे गालों को भी चुमा
मुझे हाथों पर उठाके
बड़े नाज़ से वो चूमा
उसने बालों को भी चुमा
मेरे गालों को भी चुमा
मुझे हाथों पर उठाके
बड़े नाज़ से वो चूमा
उसके प्यार में न
जाने था कैसा जोश
धीरे धीरे मैं खोने लगी अपने होश
न मन छू सका वो बदन ही छुआ
दोष नहीं मेरा जो कुछ भी हुआ
मैं हु लड़की मैं क्या करती
रह गयी मैं आह आहें भरती
सुनिये आगे तो सुनिये कहा चल दिए
जब मैं पांच साल की थी
और वो था मेरा दादा
तब मैं पांच साल की थी
और वो था मेरा दादा
प्यार किया उसने
लेकिन रखी मरियादा
तब मैं पांच साल की थी
और वो था मेरा दादा
प्यार किया उसने
लेकिन रखी मरियादा
तुमको बातो में
बुध्धु बनाना था
ये तो कुछ न यह
चर्चा छुपाना था
घर जलाओगे जलाऊँगी मैं
जो सताओगे सताऊँगी मैं
मैं हु लड़की हाँ मैं क्या करती
न तुम हो बड़े न मैं छोटी