asrani commentary and tum bin jeevan kaisa jeevan şarkı sözleri
इसका एहसास मुझे फिर एक बार हुआ
जब इस वॉल्यूम नंबर 35 की रिकॉर्डिंग के दौरान फरवरी 2012 में
मुझे मेरे एक दोस्त ने बेंगलुरु से फोन करके बताया
उन्होंने कहा, 'आपको पता है, अमीन भाई
महीने भर पहले यहां बेंगलुरु में महान गायकManna Dey की जीवन संगिनी
यानी हमारी सुलोचना भाभी का देहांत हो गया
मुझे धक्का सा लगा। मैंने फ़ोरन बेंगलुरु फोन किया
उनके दुख को साझा करने के लिए। वो बड़े उदास थे
Manna Dey अपने 57 वर्षों के रिश्ते के टूट जाने पर
और बहनों-भाइयों, फिर मुझे याद आया 1972 की छांव का वो गीत
जो ऐसा लगता है, जैसे मन्ना डे ने अपने इस अकेलेपन और
इस जुदाई का इज़हार करते हुए आज फिर से गाया होगा
तुम बिन जीवन कैसा जीवन
तुम बिन जीवन कैसा जीवन
फूल खिले तो दिल मुरझये
फूल खिले तो दिल मुरझये
आग लगे जब बरसे सावन
तुम बिन जीवन
रूठे तुम जब से पिया, रूठे तुम जब से
सुना सा है मन का डेरा
बैरी है दुनिया, बांटे कोई क्यों दुख मेरा
अपने आंसू अपना ही दामन
तुम बिन जीवन कैसा जीवन
तुम बिन जीवन
कैसे दिल बहलें हंसना चाहूं रोना आये
ढूंढा जग सारा, ढूंढा जग सारा कुछ ना सूझे, कुछ ना भाये
तोड़ गए तुम मन का दर्पण
तुम बिन जीवन
बहनों और भाइयों,अब आगे बढिये मगर संगीत सीडी पर न जाईये
छाय ही में रहिये

