b k sunil mera bharat şarkı sözleri
 वतन से बढ़कर कुछ नहीं
वतन के बिना हम कुछ नहीं,
रहेगा सदा बुलंद नाम तेरा ए वतन
सर झमी आसमा भी तेरे बिना कुछ नहीं ।
सदीयों से रही है पहचान तेरी
हिन्दुस्तान है तू कोई आम फिदरत नहीं तेरी,
आज़ादी की गहरी सांस ली है तूं ने सब्र रख
खुदाने खुद खींची है लंबी लकीर तेरी ।
बुंद बुंद लहु की मांग की थी जब तडपते उस तिंरंगे ने
धर्म जात से बढ़कर आगे दी कुरबानी कई परींदों ने,
गीता की गरिमा है तू, आयत है कुरान की
ग्रंथ साहब की बानी है तू, बाईबल की पुकार है ।
तू ही धर्म है, तू ही मर्म है,
शहीदों का तू ही कर्म है,
तू ही मांझी तू ही किनारा
धडकते दिलों का तू ही सहारा ।
आओ मिलकर करे प्रतिज्ञा भारत के सम्मान की
जिंदा है जबतक हम कम होने ना देंगे शान भारत की,
आंधी आए तूफा आए ना हमे कोई खौफ है
दिखादेंगे पूरी दुनिया को मेरा भारत कौन है ।
मेरा भारत कौन है । 
 
 
 