daboo malik firaaq şarkı sözleri

मैं तेरी फ़िराक़ में दर-ब-दर फिर रही हूँ मैं तेरी फ़िराक़ में दर-ब-दर फिर रही हूँ तेरा पता कोई मिलता नहीं तुझसे भी मैंने पूछा यही, खो गई हो कहाँ? मैं तेरी फ़िराक़ में दर-ब-दर फिर रही हूँ फिर रही हूँ रस्ता तेरा तकते हुए तन्हा सी हो गई आँखें मेरी जाने कहाँ राहों में खो गईं क़िस्मत की सारी लकीरों में भी… क़िस्मत की सारी लकीरों में भी दिल ने तलाशा तुम्हें मैं तेरी फ़िराक़ में दर-ब-दर फिर रही हूँ मैं तेरी फ़िराक़ में खोते हैं अगर जाँ तो खो लेने दे ऐसे में जो हो जाए वो हो लेने दे एक उम्र पड़ी है, सब्र भी कर लेंगे इस वक्त तो जी-भर के रो लेने दे अपनी साँसों की धड़कन से भी तुझको पूछा कभी लब से तेरे अपना बदन छू के भी देखा कभी यादों के आसमानों से भी… यादों के आसमानों से भी अक्सर पुकारा तुम्हें मैं तेरी फ़िराक़ में दर-ब-दर फिर रही हूँ मैं तेरी फ़िराक़ में
Sanatçı: Daboo Malik
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 3:53
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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