dada bhagwan akram uncha gyan he dada şarkı sözleri
अक्रम ऊँचा ज्ञान है दादा मेरी अरजी मान लो दादा
मेरी मरजी जान लो दादा मेरे दिल के आप हैं स्वामी
आप ही मेरे अंतरयामी
अक्रम की अब लिफ्ट चला दो महाविदेह में शिफ्ट करा दो
अक्रम की अब लिफ्ट चला दो महाविदेह में शिफ्ट करा दो
सीमंधर से तार मिला दो समोवसरण में सीट दिला दो
महाविदेह की सैर करा दो पुण्यवंतों को दिया है
भाग्यवंतों को दिया है
अक्रम की अब लिफ्ट चला दो महाविदेह में शिफ्ट करा दो
अक्रम की अब लिफ्ट चला दो महाविदेह में शिफ्ट करा दो
चरण शरण में ले लो मोक्ष दे दो मुक्ति दे दो
करुणा की बरसात कर दो मैं तो चरणाधीन हूँ दादा
मैं तो आज्ञाधीन हूँ दादा
अक्रम की अब लिफ्ट चला दो महाविदेह में शिफ्ट करा दो
अक्रम की अब लिफ्ट चला दो महाविदेह में शिफ्ट करा दो
बंगला मोटरकार न माँगूं हीरे मोती नोट न माँगूं
मैं तो केवल मोक्ष ही माँगूं अब नहीं मैं हटने वाला
अब नहीं मैं छोडऩे वाला
अपना खज़ाना खोल दो दादा मेरी झोली भर दो दादा
मुझ को मोक्ष की गिफ्ट दिला दो सिद्धशिला पर शिफ्ट करा दो
सिद्धशिला पर शिफ्ट करा दो
अक्रम की अब लिफ्ट चला दो सिद्धशिला पर शिफ्ट करा दो
अक्रम की अब लिफ्ट चला दो महाविदेह में शिफ्ट करा दो
अक्रम की अब लिफ्ट चला दो महाविदेह में शिफ्ट करा दो
अक्रम की अब लिफ्ट चला दो महाविदेह में शिफ्ट करा दो