dada bhagwan bhule jo dekhe apni şarkı sözleri

भूलें जो देखे अपनी भूलें जो देखे अपनी वो जगत में हो सके भगवान कभी फिर ना हों वे भूलें सदा जागृत रहे भगवान भूलें जो देखे अपनी वो नहीं जो देह के मालिक नहीं वाणी पे मालिकीभाव नहीं जहाँ मालिकी मन की हुए वीतराग भाव स्वभाव भूलें जो देखे अपनी वो गुनहगारी दिखे खुद की वो सीधी सम्यकी दृष्टि परायों के गुनाह देखे वो उलटी है मिथ्या दृष्टि भूलें जो देखे अपनी वो जो देखे खुद के दोषों को जगत दे दे उसे माफी जो देखा दोष औरों का है तब तक जीते जी होली भूलें जो देखे अपनी वो जगत में हो सके भगवान कभी फिर ना हों वे भूलें सदा जागृत रहे भगवान भूलें जो देखे अपनी वो करुणा रखने जैसा जगत किसी को दंड करना नहीं किसी को देखें न दोषी वे दादा पूर्ण ज्ञानी अभय भूलें जो देखे अपनी वो जगत दोषी दिखे तब तक है भटकन चार गतियों की सभी हैं कर्म पोटलियाँ मिटें तो शेष भगवान मैं भूलें जो देखे अपनी वो जगत में हो सके भगवान कभी फिर ना हों वे भूलें सदा जागृत रहे भगवान भूलें जो देखे अपनी वो जगत में हो सके भगवान जगत में हो सके भगवान जगत में हो सके भगवान
Sanatçı: Dada Bhagwan
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 6:06
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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