dada bhagwan dada bhagwan ka gnan alaukik şarkı sözleri

दादा भगवान का ज्ञान अलौकिक तीनों लोक में छा ही रहा है ज्ञान की शक्ति हर प्राणी को शुद्धात्मा बना ही रहा है नीरूमाँ के सानिध्य में देखो एक दीपक जगमगा ही रहा है हे दादा जग कल्याण करो ये हर महात्मा गा ही रहा है हे दादा जग कल्याण करो ये हर महात्मा चाह ही रहा है दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो प्रेमल मूर्ति दादा भगवन की हल हो जाए हर मुश्किल जीवन की प्रेमल मूर्ति दादा भगवन की हल हो जाए हर मुश्किल जीवन की ज्ञानी पुरुष की शरण में आए कर्तापन छुड़ा ही रहा है हे दादा जग कल्याण करो ये हर महात्मा गा ही रहा है हे दादा जग कल्याण करो ये हर महात्मा चाह ही रहा है दादा से जो ज्ञान मिला है अनंत सुख का धाम मिला है दादा से जो ज्ञान मिला है अनंत सुख का धाम मिला है सामायिक प्रतिक्रमण से देखो भवोंभव बंधन छुड़ा ही रहा है हे दादा जग कल्याण करो ये हर महात्मा गा ही रहा है हे दादा जग कल्याण करो ये हर महात्मा चाह ही रहा है दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो दादाजी जग कल्याण करो शुद्ध प्रेम का मार्ग दिखाया व्यवहार ऐसा शुद्ध कराया शुद्ध प्रेम का मार्ग दिखाया व्यवहार ऐसा शुद्ध कराया कषाय और विषय के बिना जीवन जीना सीखा ही रहा है हे दादा जग कल्याण करो ये हर महात्मा गा ही रहा है हे दादा जग कल्याण करो ये हर महात्मा चाह ही रहा है ये हर महात्मा चाह ही रहा है ये हर महात्मा चाह ही रहा है ये हर महात्मा चाह ही रहा है ये हर महात्मा चाह ही रहा है ये हर महात्मा चाह ही रहा है ये हर महात्मा चाह ही रहा है ये हर महात्मा चाह ही रहा है ये हर महात्मा चाह ही रहा है
Sanatçı: Dada Bhagwan
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 5:50
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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