dada bhagwan dadaji ke namka re şarkı sözleri

दादाजी के नाम का दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में अब नहीं बाहरी पंचात रंग खरा छाया उमंग में अब नहीं बाहरी पंचात रंग खरा छाया उमंग में अब नहीं बाहरी पंचात रंग खरा छाया उमंग में अब नहीं बाहरी पंचात रंग खरा छाया उमंग में दादा का नाम सुन सत्संग में जाते उस दिन मिले वीतराग दादा का नाम सुन सत्संग में जाते उस दिन मिले वीतराग दिल नहीं हाथ मेरे किसे कहूँ बात अब उछले है आत्म उल्लास दिल नहीं हाथ मेरे किसे कहूँ बात अब उछले है आत्म उल्लास अक्रम ज्ञानी का रे व्यक्त आत्मा देखा जीवन में अक्रम ज्ञानी का रे व्यक्त आत्मा देखा जीवन में अक्रम ज्ञानी का रे व्यक्त आत्मा देखा जीवन में अक्रम ज्ञानी का रे व्यक्त आत्मा देखा जीवन में खिल उठा मन पराग बाग अंतरात्मा स्थिर समझ में खिल उठा मन पराग बाग अंतरात्मा स्थिर समझ में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में जन्मांतर खोये पर सत्संग में जाते ही मिले जब चौदलोकी नाथ जन्मांतर खोये पर सत्संग में जाते ही मिले जब चौदलोकी नाथ दर्शन होते ही पावन हो गये पूर्ण अभय अब हाथ दर्शन होते ही पावन हो गये पूर्ण अभय अब हाथ अक्रम विज्ञान का रे संजीवात्मा जन्मा अजन्मा अक्रम विज्ञान का रे संजीवात्मा जन्मा अजन्मा अक्रम विज्ञान का रे संजीवात्मा जन्मा अजन्मा अक्रम विज्ञान का रे संजीवात्मा जन्मा अजन्मा अब रहा कैवल्यज्ञान मोक्षमार्ग आया दर्शन में अब रहा कैवल्यज्ञान मोक्षमार्ग आया दर्शन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में ज्ञानार्कउभरा पूनम की रात में खेलने निकले रास ज्ञानार्कउभरा पूनम की रात में खेलने निकले रास शुद्धात्मा होते ही पुदगल खो गया उस दिन की यह बात शुद्धात्मा होते ही पुदगल खो गया उस दिन की यह बात विक्रम रसथाल का रे स्वाद प्रथम चखा चेतन में विक्रम रसथाल का रे स्वाद प्रथम चखा चेतन में विक्रम रसथाल का रे स्वाद प्रथम चखा चेतन में विक्रम रसथाल का रे स्वाद प्रथम चखा चेतन में पुदगलिक मिथ्या मोहराग कृपा मिली आज्ञा पंचक में। पुदगलिक मिथ्या मोहराग कृपा मिली आज्ञा पंचक में। दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में अब नहीं बाहरी पंचात रंग खरा छाया उमंग में अब नहीं बाहरी पंचात रंग खरा छाया उमंग में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में दादाजी के नाम का रे संग सत लागा जीवन में
Sanatçı: Dada Bhagwan
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 8:02
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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