dada bhagwan jinke vani vartan aur vinay şarkı sözleri
जिनके वाणी वर्तन
जिनके वाणी वर्तन और विनय हैं मनोहर प्रेमात्मा
जिनके वाणी वर्तन और विनय हैं मनोहर प्रेमात्मा
जिनके कर्म प्रत्येक अभेद वे मूर्त हैं दिव्यात्मा
जिनके कर्म प्रत्येक अभेद वे मूर्त हैं दिव्यात्मा
जिनका अगुरु लधु है स्वभाव वे मूल ये असीमात्मा
जिनका सूक्ष्मतम सरस्वती स्पर्श वे मौन ये संज्ञात्मा
जिनकी मात्र अवस्था निद्र्वंन्द्व वे केवल प्रकटात्मा
जिनकी देहातीत दशा है वे दादा का व्यक्तात्मा
जिनका व्यक्त प्रकट दीया वे केवल ये शुद्धात्मा
जिनके निरावरण व्यक्त स गोपित सिद्धात्मा
जिनके सुचरणों में ही मोक्ष वे मूर्त अमूर्तात्मा
जिनके तप कोई देखे नहीं वे अदीठ गुणात्मा
जिनकी मात्र क्रिया अंतर्मुख वे ब्रह्मनिष्ठ मोक्षात्मा
जिनकी सामायकि से मोक्ष वे अक्रम ये ज्ञानात्मा
जिनको वर्ते केवल ज्ञान वे दादा तो परमात्मा
जिनको वर्ते केवल दर्शन वे दादा हैं सहजात्मा
जिनको वर्ते केवल चारित्र वे दादा स्व धर्मात्मा
जिनके मात्र समय पल तप वे रत्नत्रय पूर्णात्मा
परम ज्योति स्वरूप भगवान वे सिद्ध दादा परमात्मा
जिनकी व्याख्या नहीं है शब्द में वे भगवान रहस्यात्मा
जिनके वाणी वर्तन और विनय हैं मनोहर प्रेमात्मा
जिनके कर्म प्रत्येक अभेद वे मूर्त हैं दिव्यात्मा
मनोहर प्रेमात्मा दादा मेरे परमात्मा