dada bhagwan nai drishti gnan vignani şarkı sözleri
नई दृष्टि ज्ञान विज्ञानी नई दृष्टि मोक्ष प्रदानी
नई दृष्टि ज्ञान विज्ञानी नई दृष्टि मोक्ष प्रदानी
नई राह अक्रम मार्गी नई राह हो दादाई
नई राह अक्रम मार्गी नई राह हो दादाई
जय जय स्व स्वरूपम् ज्योति
अहो प्रत्यक्ष हैं ये ज्ञानी
जय जय स्व स्वरूपम् ज्योति
अहो प्रत्यक्ष हैं ये ज्ञानी
नई दृष्टि ज्ञान विज्ञानी नई राह अक्रम मार्गी
नई राह हो दादाई अहो प्रत्यक्ष हैं ये ज्ञानी
अहो प्रत्यक्ष हैं ये ज्ञानी अहो प्रत्यक्ष हैं ये ज्ञानी