dada bhagwan param vinay se şarkı sözleri

परम विनय से नत मस्तक हो शरणोंमें जो आए परम विनय से नत मस्तक हो शरणोंमें जो आए प्रत्यक्ष पारस रुप हैं दादा निज स्वरुप पा जाए (२) महादेव हैं ये मतवाले ब्रह्म स्वरुप सुखधारा जिनके चरन निखारे आत्मा शुद्ध स्वरुप के दाता कलिकाल है वश में जिनके नाथ त्रिलोक हैं दादा प्रत्यक्ष स्याद्वाद है शब्द निराला उतरा पार उतारा भीतर प्रकटे नाथ सनातन तरन तारन हारा ज्ञानी परमात्मा कहलाये पाप विनाशन ज्वाला प्रत्यक्ष तन मन धन सब चरनों में धर ज्ञान तेरा जो पाए सत्तर प्रतिशत आज्ञा में रहे जो व्यवहार निभाए सकाम निर्जरा परम मोक्ष का अधिकारी बन जाए प्रत्यक्ष
Sanatçı: Dada Bhagwan
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 4:11
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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