darzi andhera şarkı sözleri
अंधेरा
अंधेरा है छाया
सडक पे
तेरा है साया
मैं सोचूं
पलटता है काया
मैं बोलूं
तोह आतिश है लाया
परछाई
ने मुझको है खाया
चमक को
तूने बुझाया
कौन है तू
क्यों बताता नहीं
इस हीरे को
तराशा नहीं
सपनो को भी
चुराता वही
चेहरे पे थी
निराशा कहीं
ओह आता नहीं
ओह जाता नहीं
भूका है तू
पर प्यासा नहीं
सवेरा
सवेरा ना आया
है खाली आँखों में माया
झूठा है वह
सच बताता नहीं
पापों को भी
गिनाता वही
प्यार को जो
दबाता वही
नरमी को भी
जलाता वही
घबराता वही
ओह कतराता वही
ऐसा है क्यों
बाज़ आता नहीं

