darzi choli şarkı sözleri

चेहरा छुपा के सूरत नहीं चुप्पी लगा के बोली नहीं घुंगट चढ़ा के वह सपना नहीं गजरा लगा के मैं बिकती गयी रातों को करवट पलटती रही खाना परसती रही चूल्हा जला के सुलगती रही प्यासी तरसती रही तूने ज़िंदा मुझको है पाया वह मुंकिन नहीं वह मुंकिन नहीं ये चोली कैसा है पर्दा जो कुतरे वही जो कुतरे वही गर्मी का एक लम्हा नोचे वही खरोंचे वही ये चौका सजाया भी था माहवारी में पराया भी था मुझको छु के सताया भी था मारा भी था मरवाया भी था 12 महीने पसीना बहे पैरों में छाले नंगे पाओं तले सूना बस लगता रहे ये गाना गुनगुनाना पड़े शीशे में चेहरा धुंधला दिखे ये आँखें चपटी लगें
Sanatçı: Darzi
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 5:32
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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Fotoğrafı