g. v. prakash naaraazgi şarkı sözleri
नाराज़गी छोड़ो जाने दो ना
रूठो ना रूठोना रूठो सोना
मेरे बिना रह पाओगी तुम
क्या बाहों में ना आओगी तुम
ओ मेरे साथी देदो माफ़ी
अर्ज़ी अर्ज़ी दिल की सुन लो
थोड़ा थोड़ा थोड़ा हस दो
नाराज़गी छोड़ो जाने दो ना
रूठो ना रूठोना रूठो सोना
फूलों जैसे होठों से कुछ तो
बोलो जाना बोलो
खामोशी को सुन लो तो जानू
बातें वातें छोड़ो
दरिया का पानी ये रुत सुहानी
सब कह रहे हैं हस दो ज़रा
गुस्से के पीछे जो भी बसी हैं
उसे तो समझो समझो ज़रा
गलती मैंने मानी
दिल का अच्छा हूँ मैं रानी
रानी कहो चाहे बाबू सोना
मुझपे चलेहा ना जादू टोना
थोड़े से हम हो लें रूमानी
मौसम की है मर्जी
मौसम से हे क्या लेना देना
सारी बातें फ़र्ज़ी
फ़र्ज़ी हे तो क्या दिल है तुम्हारा
होगा किसीका ना ये कभी
बातों से कैसे दिल कोई जीते
आते हे तुमको धोखे सभी
धोखा कैसा यारा
दिल ना दूंगा मैं दोबारा
तुमसे ही हंसना है तुमसे रोना
मैं बस तुम्हारी रहूंगी सोना

