gautam deonani haye haye yeh majboori şarkı sözleri
अरे हाय हाय यह मजबूरी
यह मौसम और यह दूरी
अरे हाय हाय यह मजबूरी
यह मौसम और यह दूरी
मुझे पल पल है तड़पाये
तेरी दो तकया दी नौकरी में
मेरा लाखों का सावन जाये
हाय हाय यह मजबूरी
मुझे पल पल है तड़पाये
तेरी दो तकया दी नौकरी में
मेरा लाखों का सावन जाये
हाय हाय यह मजबूरी
यह मौसम और यह दूरी
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
कितने सावन बीत गए
कितने सावन बीत गए बैठी हूँ आस लगाए
जिस सावन में मिले सजनवा
वह सावन कब आये, कब आये
मधुर मिलन का यह सावन
हाथों से निकला जाए
तेरी दो तकया दी नौकरी में
मेरा लाखों का सावन जाये
हाय हाय यह मजबूरी
यह मौसम और यह दूरी
मुझे पल पल है तड़पाये
तेरी दो तकया दी नौकरी में
मेरा लाखों का सावन जाये
हाय हाय यह मजबूरी
यह मौसम और यह दूरी
प्रेम का ऐसा बंधन है
प्रेम का ऐसा बंधन है
जो बनके फिर न टूटे
अरे नौकरी का है क्या भरोसा
आज मिले कल छूटे, कल छूटे
अम्बर पे है रचा स्वयंवर
फिर भी तू घबराये
तेरी दो तकया दी नौकरी में
मेरा लाखों का सावन जाये
दांग डिंग, दांग डिंग, डिंग दांग दांग
दांग डिंग, दांग डिंग, डिंग दांग दांग
मुझे पल पल है तड़पाये
तेरी दो तकया दी नौकरी में
मेरा लाखों का सावन जाये
हाय हाय यह मजबूरी
यह मौसम और यह दूरी

