g.s. kohli baharon tham lo ab dil namaste jee [commentary] şarkı sözleri
और हमारे सुप्पोंसेर ने और मैंने मिल के २ काम किए
कोण से ये मैं आपको अगले volume में बतायुगा
क्युकी के आज के इस volume नंबर २३ में सुन्न १९६५ की इक्क और बड़ी खास बात होने वाली है
जिसका नाता आकर हमारी गीतमाला की छायो में से जुड़ गया
मगर पहले उस delegation से होने वाले tension को
दूर करने के लिए आईये बहनो और भाइयो उस साल की छायो
की बहारो में इक और मेहबूब का स्वागत करे
बहारों थाम लो अब दिल मेरा मेहबूब आता है
ओ शरारत कर ना नाजुक दिल शर्म से डूब जाता है
बहारों थाम लो अब दिल
कहर अंदाज़ हैं तेरे क़यामत है तेरी बातें ओ
ओ मेरी तो जान ले लेंगी ये बातें ये मुलाकतें मुलाकतें
सनम शरमाए जब ऐसे मजा कुछ और आता है
ओ शरारत कर ना नाजुक दिल शर्म से डूब जाता है
बहारों थाम लो अब दिल
लबों पर हंसी क़ातिल गजब जादू निगाहों में ओ
कसम तुझको मोहब्बत की
मचल ना ऐसे राहों में ऐसे राहों में
मचल जाता है दिल जब रूबरू दिलदार आता है
ओ शरारत कर ना नाजुक दिल शर्म से डूब जाता है
बहारों थाम लो अब दिल
इस गजब के गीत के बी सारे डिटेल आपको CD pack के cover पे मिल जायेगे
फिल्मो के नाम तो मैं ज्यादातर सा राणा CD के संगीत के ही बताता हु ना

