hariharan aandhiyaan şarkı sözleri

आँधियाँ अतिथि लेकिन कभी ऐसा ना हुआ आँधियाँ अतिथि लेकिन कभी ऐसा ना हुआ ख़ौफ़ के मारे जुड़ा शाख से पत्ता ना हुआ आँधियाँ अतिथि लेकिन कभी ऐसा ना हुआ आँधियाँ अतिथि वक़्त की डोर को थामे रहे मजबूती से वक़्त की डोर को थामेरहे थामे रहे वक़्त की डोर को थामे रहे वक़्त की डोर को थामे रहे मजबूती से और जब च्छुटी तो अफ़सोष भी इस का ना हुआ और जब च्छुटी तो अफ़सोष भी इस का ना हुआ आँधियाँ अतिथि रात को दिन से मिलने की हवस थी हमको रात को दिन से मिलने की हवस थी हमको कम अचहच्छा ना था अंजाम भी अचहच्छा ना हुआ कम अचहच्छा ना था अंजाम भी अचहच्छा ना हुआ आँधियाँ अतिथि खूब दुनिया है के सूरज से रकबत थी जिन्हे खूब खूब दुनिया है के सूरज से रकबत रकबत थी जिन्हे खूब दुनिया है के सूरज से रकबत खूब दुनिया है के सूरज से रकबत थी जिन्हे उनको हाँसिल किसी देवार का च्चाया ना हुआ उनको हाँसिल किसी देवार का च्चाया ना हुआ आँधियाँ अतिथि लेकिन कभी ऐसा ना हुआ ख़ौफ़ के मारे जुड़ा शाख से पत्ता ना हुआ आँधियाँ अतिथि
Sanatçı: Hariharan
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 7:16
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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