hariharan dhoop kitni tej ho şarkı sözleri
धूप कितनी तेज हो
लेकिन सवार जाएँगी शाम
धूप कितनी तेज हो
लेकिन सवर जाएँगी शाम
उसकी पलको को अगर
छुले निखर जाएँगी शाम
धूप कितनी तेज हो
लेकिन सवर जाएँगी शाम
उसकी पलको को अगर
छुले निखर जाएँगी शाम
धूप कितनी तेज हो
लेकिन सवर जाएँगी शाम
आ आ आ आ आ
ढूंढते रह जाओंगे
साहिल पे कदमो के निशान
ढूंढते रह जाओंगे
साहिल पे कदमो के निशान
रात के गहेरे समंदर में
उतर जाएँगी शाम
रात के गहेरे समंदर में
उतर जाएँगी शाम
उसकी पलको को अगर
छुले निखार जाएँगी शाम
धूप कितनी तेज हो
लेकिन सवर जाएँगी शाम
दूर तक बिखरे हुए है
जख्म यादे अष्क ख्वाब
दूर तक बिखरे हुए है
जख्म यादे अष्क ख्वाब
हर तरफ शम्मे ही शम्मे है
जिधर जाएँगी शाम
हर तरफ शम्मे ही शम्मे है
जिधर जाएँगी शाम
उसकी पलको को अगर
छुले निखर जाएँगी शाम
धूप कितनी तेज हो
लेकिन सवर जाएँगी शाम
आज भी तय हो सके
रसीद ना घर के फ़ासले
आज भी तय हो सके
रसीद ना घर के फ़ासले
आज भी सड़को के जंगल में
गुजर जाएँगी शाम
आज भी सड़को के जंगल में
गुजर जाएँगी शाम
उसकी पलको को अगर
छुले निखार जाएँगी शाम
धूप कितनी तेज हो
लेकिन सवर जाएँगी शाम
लेकिन सवर जाएँगी शाम
लेकिन सवर जाएँगी शाम

