hariharan khud ko padhta hoon şarkı sözleri

खुद को पढ़ता हूँ छोड़ देता हूँ खुद को पढ़ता हूँ छोड़ देता हूँ एक वरक रोज़ मोड़ देता हूँ, ऊ ऊ ऊ खुद को पढ़ता हूँ छोड़ देता हूँ एक वरक रोज़ मोड़ देता हूँ, ऊ ऊ ऊ खुद को पढ़ता हूँ छोड़ देता हूँ इस कदर ज़ख्म हैं निगाहों में इस कदर ज़ख्म हैं निगाहों में इस कदर ज़ख्म हैं निगाहों में, ए ए ए ए रोज़ एक आईना तोड़ देता हूँ रोज़ एक आईना तोड़ देता हूँ एक वरक रोज़ मोड़ देता हूँ, ऊ ऊ ऊ खुद को पढ़ता हूँ छोड़ देता हूँ कांपते होठ भीगती पलकें कांपते होठ भीगती पलकें कांपते होठ भीगती पलकें बात अधूरी ही छोड़ देता हूँ बात अधूरी ही छोड़ देता हूँ एक वरक रोज़ मोड़ देता हूँ खुद को पढ़ता हूँ छोड़ देता हूँ रेत के घर बना बना के फराज़ रेत के घर बना बना के फराज़ रेत के घर बना बना के फराज़ जाने क्यूँ खुद ही तोड़ देता हूँ जाने क्यूँ खुद ही तोड़ देता हूँ एक वरक रोज़ मोड़ देता हूँ, ऊ ऊ ऊ खुद को पढ़ता हूँ छोड़ देता हूँ खुद को पढ़ता हैं छोड़ देता हूँ, ऊ ऊ ऊ
Sanatçı: Hariharan
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 5:23
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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