hariharan shahar dar shah şarkı sözleri

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को कौन सा नाम दूँ में तेरी शना-साई को शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को कोई महफ़िल हो तेरा नाम तो आ जाता है कोई महफ़िल हो तेरा नाम तो आ जाता है जान कर साथ लगा रखा हैं रुसवाई को जान कर साथ लगा रखा हैं रुसवाई को स ग म ग धा नि धा म ग म नि धा मा गा मा प ग म रे रे ग म प ग म रे सा नि रे सा प म ग नि सा जिस तरफ जाइए है खोखले लफ्जों का हुजूम जिस तरफ जाइए है खोखले लफ्जों का हुजूम कौन समझे यहाँ आवाज़ की गहराई को कौन समझे यहाँ आवाज़ की गहराई को शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को खूब वाक़िफ़ हूँ में दुनियाँ के चलन से राशीद खूब वाक़िफ़ हूँ में दुनियाँ के चलन से राशीद मै ने परबत नहीं समझा है कभी राई हो मै ने परबत नहीं समझा हैं कभी राई हो शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को कौन सा नाम डून में तेरी शना-साई को शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को
Sanatçı: Hariharan
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 5:12
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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