hero and king of jhankar studio admi jo kahta hai [jhankar beats] şarkı sözleri
कभी सोचता हू की में कुछ कहु
कभी सोचता हू की में चुप रहु
आदमी जो कहता है, आदमी जो सुनता है
ज़िंदगी भर वो सदाए पिच्छा करती है
आदमी जो कहता है, आदमी जो सुनता है
ज़िंदगी भर वो सदाए पिच्छा करती है
आदमी जो देता है, आदमी जो लेता है
ज़िंदगी मे वो दुआए पिच्छा करती है
कोई भी हो हर ख्वाब तो सच्चा नही होता
कोई भी हो हर ख्वाब तो सच्चा नही होता
बहुत ज़्यादा प्यार भी अछा नही होता है
कभी दामन छुड़ाना हो तो मुश्किल हो
प्यार के रिश्ते टूटे तो, प्यार के रास्ते च्छुटे तो
रास्ते में फिर वफ़ाए पिच्छा करती है
आदमी जो कहता है, आदमी जो सुनता है
ज़िंदगी भर वो सदाए पिच्छा करती है
कभी कभी मन धूप के कारण तरसता है
कभी कभी मन धूप के कारण तरसता है
कभी कभी फिर झूम के सावन बरसता है
पलक झपके यहा मौसम बदल जाए
प्यास कभी मिटती नही, एक बूँद भी मिलती नही
और कभी रिम झिम घटाए पिच्छा करती है
आदमी जो कहता है, आदमी जो सुनता है
ज़िंदगी भर वो सदाए पिच्छा करती है
आदमी जो देता है, आदमी जो लेता है
ज़िंदगी मे वो दुआए पिच्छा करती है