ijaz zafar tere ishq ki inteha chahta hoon şarkı sözleri

तेरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ सितम हो कि हो वादा-ए-बे-हिजाबी कोई बात सब्र-आज़मा चाहता हूँ ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को कि मैं आप का सामना चाहता हूँ ज़रा सा तो दिल हूँ मगर शोख़ इतना वही लन-तरानी सुना चाहता हूँ कोई दम का मेहमाँ हूँ ऐ अहल-ए-महफ़िल चराग़-ए-सहर हूँ बुझा चाहता हूँ भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी बड़ा बे-अदब हूँ सज़ा चाहता हूँ
Sanatçı: Ijaz Zafar
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 1:31
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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