illsahill mehak (feat. bharat saini) şarkı sözleri

विचलित मन मेरा चहक गया होश मे भी मै बहक गया उसके निशां अब ढूँढता फिरता हूँ तो यहीं पर गूम मै कहाँ बैठा हुआ था (बैठा हुआ था) तन्हा सा मै (तन्हा सा मै) कमरे मे हां (कमरे मे हां) कब से अकेला (कब से अकेला) अंधेरे से (अंधेरे से) हार चुका था (हार चुका था) भूल चुका था (भूल चुका था) के अब भी हूँ जिंदा "अब भी हूँ जिंदा" धीमी धीमी (धीमी) महक सी आई (महक सी आई) धीमी धीमी (धीमी) महक सी आई (तू जो आई) विचलित मन मेरा चहक गया होश मे भी मै बहक गया उसके निशां अब ढूँढता फिरता हूँ तो यहीं पर गूम हूँ कहाँ कहाँ हूँ मै कहाँ कहाँ गूम हूँ कहाँ कहाँ हूँ मै कहाँ कहाँ गूम हूँ कहाँ ये सच और वहम के बीच का फरक क्यूँ मिटता जा रहा है? धुआँ-धुआँ मुझे घेर रहा पता चला जब दम ये घुटा साँसों मे तेरी इत्र सा महके दूर खड़ी क्यूँ इतने समय से धुआँ हटा चेहरा दिखा आहट मे तेरी गहरा नशा दुनिया से छुपके बैठा था कब से खींच मुझे मेरा दिल महका महक ये तेरी एक झांसा है फसने को जिसमे जी चाहता है कैसे थामू दिल को भला जब तुझ से आकर्षित हो चुका मै चुका.. सब खो चुका मै तुझसे आकर्षित हो चुका मै चुका.. सब खो चुका मै तुझसे आकर्षित हो चुका मै कहाँ ? हूँ मै कहाँ ? कहाँ ? गूम हूँ कहाँ ? कहाँ ? हूँ मै कहाँ ? कहाँ ? गूम हूँ कहाँ ?
Sanatçı: illsahill
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 2:24
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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