imran raza bekhayali [bekhayali] şarkı sözleri
हम्म हम्म हम्म हम्म
बेखयाली में भी तेरा ही खयाल आये
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आये
तेरी नजदीकियों की ख़ुशी बेहिसाब थी
हिस्से में फासले भी तेरे बेमिसाल आये
मैं जो तुमसे दूर हूँ क्यूँ दूर मैं रहूँ
तेरा गुरुर हूँ आ तू फासला मिटा
तू ख्वाब सा मिला क्यूँ ख्वाब तोड़ दूं
उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ
उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ
है ये तड़पन
है ये उलझन कैसे जी लूँ बिना तेरे
मेरी अब सब से है अन बन
बनते क्यूँ ये ख़ुदा मेरे
हम्म हम्म हम्म हम्म
ये जो लोग बाग हैं
जंगल की आग हैं
क्यूँ आग में जलूं
ये नाकाम प्यार में
खुश हैं ये हार में
इन जैसा क्यूँ बनूँ
उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ
उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ
आ ज़माने आजमा ले रुठता नहीं
फासलों से हौसला ये टूटता नहीं
ना है वो बेवफा
और ना मैं हूँ बेवफा
वो मेरी आदतों की तरहा छुटता नहीं