jagjit singh aap ko dekhkar şarkı sözleri
आप को देखकर देखता रह गया
आप को देखकर देखता रह गया
क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया
आप को देखकर देखता रह गया
उनकी आँखों से कैसे छलकने लगा
उनकी आँखों से कैसे छलकने लगा
मेरे होंठों पे जो माजरा रह गया
मेरे होंठों पे जो माजरा रह गया
आप को देखकर देखता रह गया
ऐसे बिछड़े सभी रात के मोड़ पर
ऐसे बिछड़े सभी रात के मोड़ पर
आख़री हमसफ़र रास्ता रह गया
आख़री हमसफ़र रास्ता रह गया
आप को देखकर देखता रह गया
सोच कर आओ कू-ए-तमन्ना है ये
सोच कर आओ कू-ए-तमन्ना है ये
जानेमन जो यहाँ रह गया रह गया
जानेमन जो यहाँ रह गया रह गया
आप को देखकर देखता रह गया