jagjit singh aapko dekh kar dekhta rah gaya - mukhda şarkı sözleri
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
आप को देखकर देखता रह गया
आप को देखकर देखता रह गया
क्या कहूँ, क्या कहूँ, क्या कहूँ
क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया ( वाह,वाह)
आप को देखकर देखता रह गया
क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया
आप को देखकर देखता रह गया
इसी बहल मे वसीम बरेलवी की ग़ज़ल है
आते आते मेरा नाम सा रह गया
आते आते मेरा नाम सा रह गया
आते आते मेरा नाम सा रह गया
आते आते मेरा नाम सा रह गया
आते आते मेरा नाम सा रह गया
आते आते मेरा नाम सा रह गया
उसके होंठों पे
उसके होंठों पे कुछ कांपता रह गया ( वाह, वाह, वाह)
उसके होंठों पे कुछ कांपता रह गया
उसके होंठों पे कुछ कांपता रह गया
आते आते मेरा नाम सा रह गया
क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया
आप को देखकर देखता रह गया