jagjit singh ab aksar chup chup se rahe hain şarkı sözleri

अब अक्सर चुप-चुप से रहे हैं यूँ ही कभू लब खोलें हैं अब अक्सर चुप-चुप से रहे हैं यूँ ही कभू लब खोलें हैं पहले 'फ़िराक़' को देखा होता अब तो बहुत कम बोलें हैं दिन में हम को देखने वालों अपने अपने हैं औक़ात दिन में हम को देखने वालों अपने अपने हैं औक़ात जाओ न तुम इन ख़ुश्क आँखों पर हम रातों को रो लें हैं पहले 'फ़िराक़' को देखा होता अब तो बहुत कम बोलें हैं ग़म का फ़साना सुनने वालों आख़िर-ए-शब आराम करो ग़म का फ़साना सुनने वालों आख़िर-ए-शब आराम करो कल ये कहानी फिर छेड़ेंगे हम भी ज़रा अब सो लें हैं पहले 'फ़िराक़' को देखा होता अब तो बहुत कम बोलें हैं
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 4:14
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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