jagjit singh ae watan mere watan şarkı sözleri

ऐ वतन मेरे वतन रूह-ए-रवानी अहरार ऐ के ज़र्रों में तेरे बू-ए-चमन रंग-ए-बहार रेज़-ए-अल्मास के तेरे ख़स-ओ-ख़ाशाक़ में हैं हड्डीयाँ अपने बुज़ुर्गों की तेरी ख़ाक में हैं तुझ से मुँह मोड़ के मुँह अपना दिखाएँगे कहाँ घर जो छोड़ेंगे तो फिर छाँव निछाएँगे कहाँ ऐ वतन मेरे वतन, ऐ वतन मेरे वतन बज़्म-ए-अग़यार में आराम ये पायेंगे कहाँ तुझसे हम रूठ के जायें भी जायेंगे कहाँ तुझसे हम रूठ के जायें भी जायेंगे कहाँ तुझसे हम रूठ के जायें भी जायेंगे कहाँ ऐ वतन मेरे वतन, ऐ वतन मेरे वतन ऐ वतन मेरे वतन, ऐ वतन मेरे वतन
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 2:21
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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