Jagjit Singh

Bas Ke Dusavar Hain Har Kaam Ka Aasaan Hona

jagjit singh bas ke dusavar hain har kaam ka aasaan hona şarkı sözleri

बस के दुश्मन है हर काम का आसन होना आदमी को भी मयसर नहीं इंसान होना आदमी को भी मयसर घर हमारा जो न रोते भी तो विरान होता पहाड़ अगर पहाड़ न होता तो भी आबाद होता पहाड़ अगर पहाड़ न होता तो भी हसरते कतल रहे दरिया में फना हो जाना दर्द का था से गुज़रना दावा हो जाना दर्द का था से गुज़रना दावा हो जाना दर्द उनसे कैसे दावा नहीं हुआ मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ इतने मरियम हुआ करे कोई इतने मरियम हुआ करे कोई मेरे दुख की दवा करे कोई मेरे दुख की दवा करे कोई बक रहा हु जूनुन में क्या क्या कुछ बक रहा हु जूनुन में क्या क्या कुछ कुछ ना समझे खुदा करे कोई कुछ ना समझे खुदा करे कोई कुछ ना समझे खुदा करे कोई
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 3:36
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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