jagjit singh bujh gayi tapte hue din ki agan şarkı sözleri

बुझ गई तपते हुए दिन की अगन साँझ ने चुपचाप ही पी ली जलन रात झुक आई पहन उजला वसन प्राण तुम क्यों मौन हो कुछ गुनगुनाओ चाँदनी के फूल चुन लो मुस्कराओ बुझ गई तपते हुए दिन की अगन साँझ ने चुपचाप ही पी ली जलन रात झुक आई पहन उजला वसन प्राण तुम क्यों मौन हो कुछ गुनगुनाओ चाँदनी के फूल चुन लो मुस्कराओ एक नीली झील-सा फैला अचल एक नीली झील-सा फैला अचल आज ये आकाश है कितना सजल चाँद जैसे रूप का उभरा कमल रात भर इस रूप का जादू जगाओ प्राण तुम क्यों मौन हो कुछ गुनगुनाओ बुझ गई तपते हुए दिन की अगन साँझ ने चुपचाप ही पी ली जलन रात झुक आई पहन उजला वसन प्राण तुम क्यों मौन हो कुछ गुनगुनाओ चाँदनी के फूल चुन लो मुस्कराओ चल रहा है चैत का चंचल पवन चल रहा है चैत का चंचल पवन बाँध लो बिखरे हुए कुन्तल सघन आज लो कजरा उदासे हैं नयन माँग भर लो भाल पर बिंदिया सजाओ प्राण तुम क्यों मौन हो कुछ गुनगुनाओ बुझ गई तपते हुए दिन की अगन साँझ ने चुपचाप ही पी ली जलन रात झुक आई पहन उजला वसन प्राण तुम क्यों मौन हो कुछ गुनगुनाओ चाँदनी के फूल चुन लो मुस्कराओ चाँदनी के फूल चुन लो मुस्कराओ चाँदनी के फूल चुन लो मुस्कराओ चाँदनी के फूल चुन लो मुस्कराओ
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 7:14
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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