jagjit singh dhoop hai kya aur saya hai şarkı sözleri

धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ ये सब खेल तमाशा क्या हैं अब मालूम हुआ धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ हंसते फूल का चेहरा देखूं और भर आई आँख हंसते फूल का चेहरा देखूं और भर आई आँख अपने साथ ये किस्सा क्या हैं अब मालूम हुआ धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ हम बरसो के बाद भी उसको अब तक़ भूल ना पाए हम बरसो के बाद भी उसको अब तक़ भूल ना पाए दिल से उसका रिश्ता क्या हैं अब मालूम हुआ धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ सेहरा सेहरा प्यासे भटके सारी उम्र जले सेहरा सेहरा प्यासे भटके सारी उम्र जले बादल का इक टुकड़ा क्या हैं अब मालूम हुआ धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ ये सब खेल तमाशा क्या हैं अब मालूम हुआ धूप हैं क्या और साया क्या हैं अब मालूम हुआ
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 5:45
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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