jagjit singh dohe şarkı sözleri

दुख में सुमरन सब करे, सुख में करे ना कोय दुख में सुमरन सब करे, सुख में करे ना कोय जो सुख में सुमरन करे, जो सुख में सुमरन करे दुख काहे को होय, दुख काहे को होय ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय औरों को शीतल करे, औरों को शीतल करे आपो शीतल होय, आपो शीतल होय बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर पंछी को छाया नहीं, पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर, फल लागे अति दूर ओ, दुर्लभ मानुष जन्म है, कोय ना दूजी बार पक्का फल जो गिर पड़ा, पक्का फल जो गिर पड़ा लगे ना दूजी बार, लगे ना दूजी बार माँगन मरण समान है, मति माँगो कोई भीख माँगन मरण समान है, मति माँगो कोई भीख माँगन से मरना भला, माँगन से मरना भला यह सतगुरु की सीख, यह सतगुरु की सीख काशी, काबा एक है, एक है राम, रहीम काशी, काबा एक है, एक है राम, रहीम मैदा एक पकवान बहु, मैदा एक पकवान बहु बैठ कबीरा जी, बैठ कबीरा जी अच्छे दिन पीछे गए, हरी से किया न हेत अच्छे दिन पीछे गए, हरी से किया न हेत अब पछताए होत क्या, अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत, जब चिड़िया चुग गई खेत
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 7:28
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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