jagjit singh door kahin koi rota hai şarkı sözleri

डोर कहीं कोई रोता है डोर कहीं कोई रोता है टन पर पहरा, भटक रहा मान साथी है कैवाल सूनापन बिछूड़ गया क्या सावाजन किसी का बिछूड़ गया क्या सावाजन किसी का क्रंदान सदा करूँ होता है डोर कहीं कोई रोता है जानम दिवस पर हम इतलाते क्यू ना मारन त्योहार मानते आंतीं यात्रा के अवसर पर आंतीं यात्रा के अवसर पर आसू का आश्कुन होता है डोर कहीं कोई रोता है आंतर रोए, आख ना रोए धूल जाएगे सवपन संजोए चलना भरे विश्वा में केवल चलना भरे विश्वा में केवल स्पाना ही तो सच होता है डोर कहीं कोई रोता है इस जीवन से मृत्यु भली है आतंकित जब गली गली है मैं भी रोता आसपास जब मैं भी रोता आसपास जब कोई कही नही होता है डोर कहीं कोई रोता है डोर कहीं कोई रोता है
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 6:44
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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