jagjit singh ek brahman nekaha hai şarkı sözleri

एक ब्राह्मण ने कहा है के ये साल अच्छा है एक ब्राह्मण ने कहा है के ये साल अच्छा है जुल्म की रात बहुत जल्दी धलेगी एबटो आग चल्हो में हर एक रोज़ जलेगी एबटो भुख के मारे कोई बच्चा नहीं रोएगा चैन की नींद हर इक साक्ष यहां सोयेगा आंधी नफरत की चलेगी न कहीं अब के बरस प्यार की फसल उगायगी ज़मीन अब के बरस है याकिन अब ना कोई शोर-शराबा होगा जुल्म होगा ना कहीं खुन-खराब होगा ओस और धूप के सदमे ना सहेगा कोई अब मेरे देश में बे-घर ना रहेगा कोई नए वादे का जो डाला है वो जाल अच्छा है रहनुमाओं ने कहा है के ये साल अच्छा है दिल के खुश रखने को ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है दिल के खुश रखने को ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है दिल के खुश रखने को ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है।
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 4:03
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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