jagjit singh ek jaam mein şarkı sözleri
एक जाम में गिरे है, कुछ लोग लड़खड़ा के
एक जाम में गिरे है, कुछ लोग लड़खड़ा के
पीने गए थे चलके, लाये गए उठाके
एक जाम में गिरे है, कुछ लोग लड़खड़ा के
सहबा की आबरु पर, पानी ना फेर साक़ी
सहबा की आबरु पर, पानी ना फेर साक़ी
मैं खुद ही पी रहा हूँ, आँसू मिला मिला के
मैं खुद ही पी रहा हूँ, आँसू मिला मिला के
पीने गए थे चलके, लाये गए उठाके
एक जाम में गिरे है, कुछ लोग लड़खड़ा के
वो मेरे लगजिशो पर, तनकीद कर रहे है
वो मेरे लगजिशो पर, तनकीद कर रहे है
जो मैकदे में खुद भी, चलते है लड़खड़ा के
जो मैकदे में खुद भी, चलते है लड़खड़ा के
इक दिन तू आके मेरी, मन्नत की लाज रख ले
इक दिन तू आके मेरी, मन्नत की लाज रख ले
कब से उजाड़ता हूँ, महफ़िल सजा सजा के
कब से उजाड़ता हूँ, महफ़िल सजा सजा के
पीने गए थे चलके, लाये गए उठाके
एक जाम में गिरे है, कुछ लोग लड़खड़ा के
ईमां नजिर अपना, दे आये है बुतों को
ईमां नजिर अपना, दे आये है बुतों को
दिल के बड़े धनी है, बैठे है धन लूटा के
दिल के बड़े धनी है, बैठे है धन लूटा के
पीने गए थे चलके, लाये गए उठाके
एक जाम में गिरे है, कुछ लोग लड़खड़ा के