jagjit singh ishq ke shole ko bhadkao şarkı sözleri

इश्क़ के शोले को भड़काओ कि कुछ रात कटे इश्क़ के शोले को भड़काओ कि कुछ रात कटे दिल के अंगारे को दहकाओ कि कुछ रात कटे हिज्र में मिलने शब-ए-माह के ग़म आए हैं हिज्र में मिलने शब-ए-माह के ग़म आए हैं चारासाज़ों को भी बुलवाओ कि कुछ रात कटे चश्म-ओ-रुख़सार के अज़कार को जारी रखो चश्म-ओ-रुख़सार के अज़कार को जारी रखो प्यार के नग़मे को दोहराओ कि कुछ रात कटे इश्क़ के शोले को भड़काओ कि कुछ रात कटे कोह-ए-ग़म और गराँ, और गराँ, और गराँ कोह-ए-ग़म और गराँ, और गराँ, और गराँ ग़मज़दों तेशे को चमकाओ कि कुछ रात कटे इश्क़ के शोले को भड़काओ कि कुछ रात कटे
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 3:58
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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