jagjit singh koi yeh kaise bataye [arth] şarkı sözleri

कोई ये कैसे बता ये के वो तन्हा क्यों है वो जो अपना था वोही और किसी का क्यों है यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यों है यही होता हैं तो आखिर यही होता क्यों है एक ज़रा हाथ बढ़ा दे तो पकड़ले दामन उसके सीने में समा जाये हमारी धड़कन इतनी कुर्बत हैं तो फिर फ़ासला इतना क्यों है दिल ए बरबाद से निकला नहीं अब तक कोई एक लुटे घर पे दिया करता हैं दस्तक कोई आस जो टूट गयी फिर से बंधाता क्यों है तुम मसर्रत का कहो या इसे ग़म का रिश्ता कहते हैं प्यार का रिश्ता हैं जनम का रिश्ता हैं जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों है
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 3:18
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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