jagjit singh log har mod pe şarkı sözleri

लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यूँ हैं लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यूँ हैं इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूं हैं लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यूँ हैं मैं ना जुगनू हूँ दिया हूँ ना कोई तारा हूँ मैं ना जुगनू हूँ दिया हूँ ना कोई तारा हूँ रौशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यूं है लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यूँ हैं नींद से मेरा ताल्लुक ही नहीं बरसों से नींद से मेरा ताल्लुक ही नहीं बरसों से ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूँ हैं लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यूँ हैं मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिये मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिये और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यूं है लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यूँ हैं लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यूँ हैं इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यूँ हैं
Sanatçı: Jagjit Singh
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 5:44
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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