jagjit singh mili hawaon mein udne ki woh saza şarkı sözleri
मिली हवाओं में उड़ने की वो सजा यारो
मिली हवाओं में उड़ने की वो सजा यारो
के मैं जमीन के रिश्तों से कट गया यारो
मिली हवाओं में उड़ने की वो सजा यारो (आ आ आ आ आ)
वो बेखयाल मुसाफिर मैं रास्ता यारो
वो बेखयाल मुसाफिर मैं रास्ता यारो
कहा था बस मे मेरे उसको रोकना यारो
कहा था बस मे मेरे उसको रोकना यारो
कहा था बस मे मेरे उसको रोकना यारो
मेरे कलम पर ज़माने की गर्द ऐसी थी
मेरे कलम पर ज़माने की गर्द ऐसी थी
के अपने बारे में कुछ भी ना लिख सका यारो
के अपने बारे में कुछ भी ना लिख सका यारो
के मैं जमीन के रिश्तों से कट गया यारो
मिली हवाओं में उड़ने की वो सजा यारो
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
तमाम शहर ही जिसकी तलाश में गुम था
तमाम शहर ही जिसकी तलाश में गुम था
मैं उसके घर का पता किस से पूछता यारो
मैं उसके घर का पता किसे से पूछता यारो
के मैं जमीन के रिश्तों से कट गया यारो
मिली हवाओं में उड़ने की वो सजा यारो (आ आ आ आ आ)