jagjit singh mohabbaton mein şarkı sözleri
मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला
मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी ना मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी ना मिला
मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला
घरों पे नाम थे, नामों के साथ ओहदे थे
घरों पे नाम थे
घरों पे नाम थे, नामों के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया, कोई आदमी ना मिला
बहुत तलाश किया, कोई आदमी ना मिला
मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला
तमाम रिश्तों को मैं, घर पे छोड़ आया था
तमाम रिश्तों को मैं, घर पे छोड़ आया था
फिर उसके बाद मुझे कोई अजनबी ना मिला
फिर उसके बाद मुझे कोई अजनबी ना मिला
मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला
बहुत अजीब है ये कुर्बतों की दूरी भी
बहुत अजीब है
बहुत अजीब है ये कुर्बतों की दूरी भी
वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी ना मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी ना मिला
मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला